Sunday, July 25, 2010

shishu geet by bhupendra kumar dave

मेरे पापा अच्छे हैं

मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मीठी मीठी पप्पी देते
प्यारी बातें करते हैं
उचक उचककर भालू जैसा
करतब खूब दिखाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
गोदी में लेकर मुझको वो
बाहर सैर कराते हैं
शाम हुई तो घर पर आकर
टट्टू मेरा बनते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।


रात हुई तो पास बैठकर
किस्से मधुर सुनाते हैं
बिल्ली, तोता, मैना की भी
बातें मुझे बताते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
टाटा कहना मुझे सिखाकर
खुद भी टाटा करते हैं
मेरे जैसा मटक मटककर
मुझको खूब हँसाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
सीख सीखकर मम्मी से वो
खाना मुझे खिलाते हैं
हरदम मम्मी के आगे वो
मेरी बातें करते हैं।


मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मम्मी के हैं प्यारे उतने
जितने मेरे प्यारे हैं
चुपके चुपके मम्मी से भी
प्यारी बातें करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
खेल खेल में लिखना पढ़ना
चुटकी में सिखलाते हैं
धूम-धड़क्का करके वो
चुपके से सो जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
दादा-दादी को किस्से वो
मेरे खूब सुनाते हैं

नाना-नानी से घुल मिलकर
मेरे जैसे बनते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
लड्ड, पेड़ा, बालूशाही
पापा लेकर आते हैं
चुपके चुपके मम्मी पापा
दिनभर खाते रहते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मुझको रोटी टुकडा देकर
पापा हलुआ खाते हैं
मैं मागूँ तो चुटकी भर ही
कंजूसी से देते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
चलते चलते गिर जाऊँ तो
पापा दौड़े आते हैं
मैं रोऊँ इसके पहले वो
प्यारी पप्पी देते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मेरी मौसी मेरे जैसी
पापा ऐसा कहते हैं
मुझको उनके पास बिठाकर
पापा दफ्तर जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
टॉफी बिस्कुट मैं क्या मागूँ
पापा बंदर जैसे हैं
आधा आधा बिस्कुट करके
पूरा बिस्कुट खाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं
मैं रोऊँ या चिल्लाऊँ तो
पापा हल्ला करते हैं
टेढ़ा-मेढ़ा गाना गाकर
चीपों चीपों करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
घर के अन्दर मेरी गाड़ी
धीरे से लुढ़काते हैं
बाहर अपनी गाड़ी को वो
सरपट खूब चलाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
जब भी बुखार चढ़ा मुझे तो
चिंता में पड़ जाते हैं
रात रात भर, जाग जागकर
मेरी सेवा करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मुझको खुश रखने वो दिनभर
जाने क्या क्या करते हैं
जब देखो मम्मी को भी
हँसता, खिलता रखते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
शेर सरीखा गुर्राकर वो
झट चूहा बन जाते हैं
बिल्ली बन मैं झपटूँ तो बस
उचक कहीं छिप जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मुझको वो खरगोश समझकर
मेरे कान पकड़ते हैं
मैं मम्मी से कह दूँ तो वे
उलटी चुगली करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मुझे रिछाने और चिढ़ाने
लम्बी जीभ दिखाते हैं
जीभ पकड़ना मैं चाहूँ तो
चट अंदर ले जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
छोटी-सी चींटी से लेकर
हाथी तक बन जाते हैं
गेंडा, गुर्रिल्ला, चिम्पेंजी
जब चाहे बन जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।

काजू किशमिश गिन गिनकर वो
मेरे हाथों रखते हैं
पर मुठ्ठी भर मेवा लेकर
मुँह में अपने रखते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
दूध, मलाई जब भी खाते
मूँछें पोंछा करते हैं
कभी कभी तो जीभ चलाकर
लपलप चाटा करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
गिरगिट जैसा रंग बदलना
पापा भी कर सकते हैं
पर गुस्से को मुस्कानों से
पापा हरदम भरते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
कितना सरल है कठीन काम
वो खुद कर दिखलाते हैं
नन्हीं-सी हूँ पर वो मुझको
सब बातें सिखलाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
छुट्टी के दिन पापा मुझको
बड़े अनोखे लगते हैं
लंच साथ में, डिनर साथ में
मम्मी पापा करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
झगड़े सारे मिट जाते हैं
पापा जब मुस्काते हैं
उस दिन मम्मी पापा दोनों
खूब पराठे खाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
छोले भटूरे जिस दिन खाते
डकार बड़ी-सी लेते हैं
फिर दस-दस रसगुल्ले खाकर
दिनभर सोया करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
सूँ-झूँ करती उड़नेवाली
जहाज मुझे दिखाते हैं
छुक-छुक गाड़ी मुझे दिखाने
स्टेशन भी ले जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
अब पापा बाजार गये हैं
देखो क्या क्या लाते हैं
इधर उधर बस घूम रहे हैं
खाली झोला लादे हैं।

मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
मम्मी की साड़ी ले ली है
ठेंगा मुझे दिखाते हैं
पर किलकारी सुनकर मेरी
शर्माते रह जाते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
ध्यान मग्न हो पूजा करते
मुझको पास बिढ़ाते हैं
मेरे हाथों घंटी देकर
पूजा पाठ कराते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
तुम छोटी हो इतना कहकर
मुझको झिड़की देते हैं
पर छोटी से छोटी बातें
पूछ मुझी से करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
सारे खेल-खिलौने से भी
पापा अच्छे लगते हैं
सारे नकली चाबीवाले
पापा असली लगते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।

ट्विस्ट डाँस व रॉक-एन-रोल
पापा घर में करते हैं
घर के बाहर सूट पहनकर
साहब बनते फिरते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
नौकर चाकर सबको पापा
भैया जैसे लगते हैं
ऊँच-नीच का भाव नहीं है
प्यार सभी से करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
बात ज्ञान की करते रहते
धर्म कर्म के पक्के हैं
सत्य, अहिंसा, मानवता के
वोह पुजारी सच्चे हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
सुनकर वो अपशब्द किसी से
‘शिव शिव’ मन में कहते हैं
उत्तर में मीठे शब्दों से
सबका मन हर लेते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
अहंकार का नाम नहीं है
सादा जीवन जीते हैं
नफरत करनेवालों से भी
अच्छी बातें करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
चालाकी करनेवालों से
कभी नहीं कुछ कहते हैं
पर चालाकी सहज भाँपकर
हमें बताया करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।
कंजूसी कर मूर्ख बनाने
जो भी उनसे मिलते हैं
उनकी उदारता का बखान
उनके सम्मुख करते हैं।
मेरे पापा अच्छे हैं
बिल्कुल मम्मी जैसे हैं।

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